Pradosh Vrat : कब है जुलाई माह का पहला प्रदोष व्रत पूजन विधि जानिए

Update: 2024-06-27 06:18 GMT
Pradosh Vrat : सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा करने से सभी अशुभ ग्रहों का प्रभाव आपके जीवन से समाप्त होता है
 इसके साथ ही मनोकामनाओं Along with that, the wishes की पूर्ति होती है। इस बार प्रदोष व्रत 3 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। बुधवार के दिन पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है, तो आइए इस महत्वपूर्ण दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मा​स के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी ति​थि 3 जुलाई को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी।
वहीं, इसका समापन 4 जुलाई प्रात: 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस दौरान प्रदोष काल की पूजा का महत्व है, जिसके आधार पर इस बार यह व्रत 3 जुलाई के दिन बुधवार को रखा जाएगा।
पूजा विधि
सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर भगवान शंकर और देवी पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी की चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें। देसी घी का दीया जलाएं।
लाल वस्त्र अर्पित करें Offer red clothes। चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं। खीर, हलवा, फल, सफेद मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करें।
शाम के समय भी विधि अनुसार पूजा करें, क्योंकि इस दिन प्रदोष काल की पूजा ज्यादा लाभकारी मानी जाती है। व्रती सात्विक भोजन करें। व्रत का पारण अगले दिन प्रसाद से करें।
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