साल 2022 में कब है नाग पंचमी का पर्व, जानें महत्व

नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.

Update: 2022-07-20 13:59 GMT

नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा करते हैं, ताकि सर्प भय से मुक्ति प्राप्त हो. परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित रहें. सापों से मृत्यु का भय न हो. नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है. पुरी के ज्योतषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि इस साल नाग पंचमी कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है?

नाग पंचमी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 02 अगस्त दिन मंगलवार को सुबह 05 बजकर 13 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 03 अगस्त बुधवार को होगा. सूर्योदय की तिथि के आधार पर देखा जाए, तो इस साल नाग पंचमी का पर्व 02 अगस्त को मनाया जाएगा.
नाग पंचमी 2022 पूजा मुहूर्त
02 अगस्त को नाग पंचमी के दिन पूजा के लिए 02 घंटे 42 मिनट का समय मिलेगा. इस दिन आप सुबह 05 बजकर 43 मिनट से सुबह 08 बजकर 25 मिनट के मध्य कभी भी पूजा कर सकते हैं. यह नाग पंचमी पूजा का शुभ समय है.
3 शुभ योग में है नाग पंचमी
इस साल नाग पंचमी के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं. 02 अगस्त को शिव योग प्रात:काल से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग प्रारंभ हो रहा है. नाग पंचमी पर रवि योग शाम 05 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन 03 अगस्त बुधवार को सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक है.
शिव, सिद्ध और रवि योग बनने से यह दिन अति शुभ है. ये तीनों ही योग शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. इस दिन मंत्र जाप, साधना, पूजा पाठ करने से लाभ प्राप्त होता है.
नाग पंचमी के दिन शुभ समय या अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है. इस दिन का राहुकाल दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 05 बजकर 30 मिनट तक है.
नाग पंचमी का महत्व
1. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन ज्योतिष उपाय किया जाता है.
2. नाग माता कद्रू ने समस्त नागों को राजा जनमेजय के नागयज्ञ में भस्म होने का श्राप दिया था. तब वासुकि के नेतृत्व में सभी नागों ने ब्रह्मा जी से इस श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा. तब उन्होंने बताया कि सावन शुक्ल पंचमी को आस्तीकि मुनि तुम सभी की रक्षा करेंगे.
3. ब्रह्मा जी के वचन के अनुसार, श्रावण शुक्ल पंचमी को नाग वंश की रक्षा हुई. इस वजह से हर साल इस तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है.


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