हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन इन सभी में संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि भगवान श्री गणेश की पूजा को समर्पित होती हैं। इस दिन भगवान गणेश की आराधना व व्रत करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं और साथ ही साथ जीवन के सभी कष्टों का अंत भी हो जाता हैं।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है जो कि गणेश पूजा के लिए श्रेष्ठ तिथि मानी जाती हैं इस बार आषाढ़ माह का आरंभ 5 जून से हो रहा हैं और इस माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 जून दिन बुधवार को किया जाएगा।
आषाढ़ माह में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं इस दिन इस दिन श्री गणेश की पूजा के साथ चंद्र देव की पूजा व दर्शन करना भी उत्तम होता हैं। तो आज हम आपको इस व्रत के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी तिथि का आरंभ 7 जून को सुबह 12 बजकर 50 मिनट पर हो रहा हैं और इसका समापन रात्रि 9 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में इस दिन श्री गणेश पूजा करना उत्तम रहेगा। आपको बता दें कि कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से साधक को हर कार्य में सफलता मिलती हैं इस दिन उपवास करने से संतान संबंधी समस्याओं का भी समाधान हो जाता है साथ ही साथ अपयश और बदनामी के योग भी कट जाते हैं।