कब है राम नवमी, जानें इसका महत्त्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में हुआ था
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मर्यादा पुरुर्षोत्तम भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में हुआ था। भगवान श्रीराम के जन्मदिवस को राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष राम नवमी 21 अप्रैल दिन बुधवार को है। 21 अप्रैल को अयोध्या समेत सभी श्रीराम मंदिरों में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको राम नवमी की तिथि, राम जन्मोत्सव मुहूर्त और राम नवमी के महत्व के बारे में बता रहे हैं।
राम नवमी तिथि 2021
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 20 अप्रैल दिन मंगलवार को देर रात 12 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 21 अप्रैल दिन बुधवार को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में राम नवमी का पर्व या भगवान राम को जन्मोत्सव 21 अप्रैल को मनाया जाएगा।
राम नवमी 2021 मुहुर्त
भगवान राम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को दोपहर के समय में हुआ था। ऐसे में भगवान राम का जन्मोत्सव दोपहर में ही मनाया जाएगा।
इस वर्ष राम नवमी जन्मोत्सव का मुहूर्त 2 घंटे 35 मिनट का प्राप्त हो रहा है। यह 21 अप्रैल को दिन में 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है।
यदि आप अपने घर पर भगवान राम के जन्मोत्सव का आयोजन कर रहे हैं तो आपको राम नवमी के मुहूर्त का ध्यान रखना होगा।
राम नवमी का महत्व
राम नवमी के दिन लोग स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प करते हैं। उसके बाद सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक व्रत रखते हैं। राम नवमी के दिन भगवान श्री राम की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन मंदिरों में रामचरितमानस की चौपाइयां सुनने को मिलती हैं। लोग अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्रीराम के चरणों में श्रद्धा के पुष्प अर्पित करते हैं। चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ, इसलिए इस तिथि का महत्व अधिक है क्योंकि भगवान राम तो स्वयं ही भगवान विष्णु के अवतार हैं। इस दिन भगवान स्वयं धरती पर जन्मे थे। ऐसे में लोग उनकी आराधना कर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति कर लेना चाहते हैं।