हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत पड़ते हैं लेकिन शिव आराधना को समर्पित प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में आता हैं। ये दिन शिव पूजा के लिए उत्तम बताया गया हैं। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की दोनो त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता हैं और बता दें कि त्रयोदशी तिथि और प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित हैं।
इसलिए इस दिन शिव पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता हैं अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा हैं क्योंकि यह व्रत कल यानी 17 मई दिन बुधवार को पड़ रहा हैं इस दिन शिव पूजा करने से साधक को भगवान की अपार कृपा व आशीर्वाद मिलता हैं तो आज हम आपको पूजन का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं।
प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 16 मई दिन मंगलवार की रात्रि 11 बजकर 36 मिनट से आरंभ हो रहा है और इसका समापन कल यानी 17 मई दिन बुधवार की रात 10 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में प्रदोष व्रत इस बार 17 मई को किया जाएगा।
आपको बता दें कि 17 मई के दिन बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रहा है और रात्रि 9 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। ऐसे में प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 10 मिनट तक का हरूै। इस मुहूर्त में शिव आराधना अगर विधिवत की जाए तो साधक को अधिक लाभ मिलता हैं और जीवन के सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं।