हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान विष्णु की साधना आराधना को समर्पित होता है। इस दौरान भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की अपार कृपा मिलती है।
पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है जिसे जलझूलनी एकादशी और डोल ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना, अभिषेक करना लाभकारी होता हैं मान्यता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य दूर हो जाता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत आज यानी 25 सितंबर दिन सोमवार को किया जा रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजन का शुभ समय बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
परिवर्तिनी एकादशी की तिथि—
आपको बता दें कि इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर को सुबह 7 बजकर 55 मिनट से अगले दिन 26 सितंबर को सुबह 5 बजे तक रहेगी। इस व्रत का आरंभ सूर्योदय से होता है और समापन अगले दिन सूर्योदय पर किया जाता है ऐसे में परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर दिन सोमवार को रखना उत्तम रहेगा।
परिवर्तिनी एकादशी की पूजा मुहूर्त—
भगवान विष्णु की पूजा का उत्तम मुहूर्त— सुबह 9 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण 26 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 25 मिनट से दोपहर 3 बजकर 25 मिनट तक