कब है महानवमी, विजयादशमी, शरद पूर्णिमा, देखें व्रत त्योहार के पूरी लिस्ट

अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि के साथ हो रही है। इसके साथ ही इस सप्ताह का समापन शरद पूर्णिमा के साथ हो रहा है।

Update: 2022-10-03 05:55 GMT

अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि के साथ हो रही है। इसके साथ ही इस सप्ताह का समापन शरद पूर्णिमा के साथ हो रहा है। इस सप्ताह नवरात्र की नवमी तिथि के साथ मूर्ति विसर्जन, दशहरा, पापांकुशा एकादशी, शुक्र प्रदोष के साथ कोजागिरी पूर्णिमा के साथ कार्तिक मास का आरंभ हो रहा है। जानिए इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

साप्ताहिक व्रत त्योहार(3 से 9 अक्टूबर 2022)

3 अक्टूबर, सोमवार- महा अष्टमी, कन्या पूजन

3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र का आठवां दिन पड़ रहा है। आज के दिन माता महागौरी की पूजा करने के साथ-साथ कन्या पूजन करने का विधान है।

नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है। इन दिनों में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को सम्मान के साथ घर में बुलाकर भोजन कराया जाता है। इसके साथ ही उपहार के रूप में कुछ दिया जाता है।

04 अक्टूबर, मंगलवार- महानवमी, नवरात्रि पारण और हवन

शारदीय नवरात्र की वमी तिथि को मां दुर्गा के नवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है। कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री को सभी 8 सिद्धियां प्राप्त है। इसलिए इस दिन पूजा करने से हर कष्ट दूर हो जाता है।

नवरात्र के नवें दिन कई लोग नवरात्र का पारण कर देते हैं। आज के दिन मां दुर्गा और नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ विदाई की जाती है। इसके साथ ही नौ दिनों तक चलने वाले व्रत समाप्त हो जाते हैं

5 अक्टूबर, बुधवार- दशहरा, विजय दशमी, मूर्ति विसर्जन

इस सप्ताह के बुधवार के दिन दशहरा यानी विजय दशमी का पर्व मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम से लंकापति रावण का वध किया जाता था। इसी कारण हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाते हैं।

दशहरा के दिन नवरात्र के दौरान स्थापित की गई मूर्तियों का विधि पूर्वक विसर्जन किया जाता है।

06 अक्टूबर, गुरुवार- पापांकुशा एकादशी व्रत

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर पाप से मुक्ति मिल जाती है।

07 अक्टूबर, शुक्रवार- प्रदोष व्रत

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है। इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जानेंगे।

09 अक्टूबर, रविवार- शरद पूर्णिमा, कोजागिरी पूर्णिमा, महर्षि वाल्मीकि जयंती, कार्तिक मास का आरंभ

आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि रविवार को पड़ रही है। इसके साथ ही कार्तिक मास आरंभ हो जाएगा। कार्तिक मास चातुर्मास का आखिरी मास माना जाता है। इस पूरे मास में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने का विधान है।


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