मां हिंगलाज जयंती कब है, इस प्रांत में हिंगोल नदी के पास स्थित है मां हिंगलाज का प्रसिद्ध मंदिर

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मां हिंगलाज जयंती मनायी जाती है।

Update: 2022-03-23 08:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक वर्ष चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मां हिंगलाज जयंती मनायी जाती है। इस साल हिंगलाज जयंती 30 मार्च 2022, दिन बुधवार को मनायी जाएगी। पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के पास मां हिंगलाज का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। माता का यह मंदिर मां के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यह मंदिर हिंगलाज के क्षेत्र के सुरम्य पहाड़ों की तलहटी में स्थित है।

मान्यता है कि, हिंगलाज क्षेत्र में माता सती का सिर गिरा था। इस जगह मां सती कोटटरी के रुप में विराजमान हैं और वहीं भगवान शिव भीमलोचन भैरव के रुप में विराजमान है।
हिंगलाज भवानी मंदिर को पाकिस्तान के लोग नानी मां का मंदिर भी कहते हैं और यहां की यात्रा को नानी का हज कहा जाता है। पाकिस्तानी मुस्लमान लोग हिंगुला देवी को नानी मानते हैं। वहीं पाकिस्तानी मुस्लिम समुदाय के लोग उनकी पूजा और उपासना भी करते हैं। वहां के लोग इस स्थान का नानी पीर कहते हैं।
हिंगलाज भवानी का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर एक गुफा में स्थित है। माता का यह रुप गुफा में एक विग्रह के रुप में स्थापित है।
इस मंदिर में प्रवेश करते ही हिन्दू-मुस्लिम का भेद समाप्त हो जाता है। यहां सभी लोग प्रेम से मां की पूजा करते हैं।
हिंगलाज भवानी के दरबार में जो भी लोग हाजिरी लगाकर मस्तक नवाते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
मान्यता है कि हर रात इस स्थान पर सभी शक्तियां एकत्रित होकर रास रचाती हैं और दिन निकलते हिंगलाज माता के भीतर समा जाती हैं।
लोगों का कहना है कि हिन्दू चाहे चारों धाम की यात्रा क्यों ना कर ले, काशी में गंगास्नान क्यों ना कर ले, अयोध्या के मंदिर में पूजा-पाठ क्यों ना कर लें, परन्तु अगर वह हिंगलाज देवी के दर्शन नहीं करता तो यह सब व्यर्थ हो जाता है।


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