कब है सावन मास की कामिका एकादशी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

हर माह की तरह ही सावन मास (Sawan Month) में भी दो एकादशी पड़ती हैं.

Update: 2021-07-29 02:37 GMT

हर माह की तरह ही सावन मास (Sawan Month) में भी दो एकादशी पड़ती हैं. एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहते हैं. कामिका एकादशी में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है और उनके लिए व्रत रखा जाता है. इस समय चातुर्मास चल रहा है और भगवान विष्णु योग निद्रा में हैं. हालांकि इस दौरान पूजा की मनाही नहीं होती है. कामिका एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और उसके समस्त पापों का नाश हो जाता है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष कामिका एकादशी व्रत कब है और किस शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करनी है.

कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 3 अगस्त (मंगलवार) को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से हो रहा है. इस तिथि का समापन 4 अगस्त (बुधवार) को दोपहर 03 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है. उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष कामिका एकादशी का व्रत 4 अगस्त (बुधवार) को है. 4 अगस्त को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाएगा और उसी दिन भगवान विष्णु की विधि​-विधान से पूजा की जाएगी. इस दिन सुबह 05:44 बजे से लेकर अगले दिन 5 अगस्त को सुबह 04:25 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग है. ऐसे में इस वर्ष कामिका एकादशी व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा.
कामिका एकादशी व्रत के पारण का समय
कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले लोग 5 अगस्त (गुरुवार) को पारण कर व्रत को पूरा करेंगे. इस दिन सुबह 05 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट के मध्य कभी भी व्रत का पारण कर सकते हैं. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन शाम को 05 बजकर 09 मिनट पर होगा.
कामिका एकादशी व्रत का महत्व
कामिका एकादशी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली और मनुष्य को उसके पापों से मुक्ति दिलाने वाली पूजा है. इस व्रत के महत्व को धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से जाना था


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