कब है? गंगा दशहरा जानें डेट, शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है।

Update: 2022-06-01 13:28 GMT
कब है? गंगा दशहरा जानें डेट, शुभ मुहूर्त व धार्मिक महत्व
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। उन्होंने राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। इस दिन को हम गंगावतरण के नाम से भी जानते हैं। गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। गंगा स्नान से दस तरह के पापोंं से मुक्ति की भी बात धर्मग्रंथों में कही गयी है। मान्यता है कि इसी दिवस पर रामेश्वरम में भगवान श्रीराम ने शिवलिंग की स्थापना की थी। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गंगा दशहरा कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा 09 जून को मनाया जाएगा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 09 जून दिन गुरुवार को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगा, इस तिथि का समापन 10 जून, शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर होगा।
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मां गंगा का कैसे हुआ धरती में अवतरण-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां गंगा का अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में हुआ था। माना जाता है भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए धरती पर गंगा को लाना चाहते थे। क्योंकि एक श्राप के कारण केवल मां गंगा ही उनका उद्धार पर सकती थी। जिसके लिए उन्होंने मां गंगा की कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ने दर्शन दिए और भागीरथ ने उनसे धरती पर आने की प्रार्थना की। फिर गंगा ने कहा "मैं धरती पर आने के लिए तैयार हूं , लेकिन मेरी तेज धारा धरती पर प्रलय ले आएगी। जिस पर भागीरथ ने उनसे इसका उपाय पूछा और गंगा ने शिव जी को इसका उपाय बताया। माना जाता है मां गंगा के प्रचंड वेग को नियंत्रित करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में समा लिया जिससे धरती को प्रलय से बचाया जा सके। और उसके बाद नियंत्रित वेग से गंगा को पृथ्वी पर प्रवाहित करा। जिसके बाद भागीरथ ने अपने पूर्वजों की अस्थियां प्रवाहित कर उन्हें मुक्ति दिलाई।


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