कब है दुर्गा विसर्जन, जानें समय और शुभ मुहूर्त

दुर्गा पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से हो चुकी है। आज महासप्तमी है। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है।

Update: 2020-10-23 04:15 GMT

कब है दुर्गा विसर्जन, जानें समय और शुभ मुहूर्त

जनता से रिश्ता वेबडेस्कदुर्गा पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से हो चुकी है। आज महासप्तमी है। दुर्गा पूजा उत्सव का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। इसका मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने से शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रात: काल या अपराह्न काल में दुर्गा मूर्ति का विसर्जन तब किया जाता है जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो। ऐसा कई वर्षों से होता चला आया है कि दुर्गा विसर्जन प्रात:काल मुहूर्त में किया जाता है। वहीं, अगर श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि अपराह्न काल में एक साथ व्याप्त हो तो इस समय अगर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाए तो यह श्रेष्ठ होता है।

इस दिन दो कथाएं प्रचलित हैं। पहली कथा के अनुसार, इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण का वध किया था। दूसरी कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने इस दिन दैत्य महिषासुर का वध किया था। आइए जानते हैं कब है दुर्गा विसर्जन। दुर्गा मूर्ति के विसर्जन के बाद ही विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। मां दुर्गा के भक्त मां की मूर्ति के विसर्जन के बाद ही व्रत का पारण करते हैं। आइए जानते हैं दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त और समय।

कब है दुर्गा विसर्जन:

इस वर्ष दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शुरु होगा। इसका समापन सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक होगा। यह अवधि 2 घंटे 14 मिनट का होगा। दशमी तिथि की शुरुआत 25 अक्टूबर सुबह 07 बजकर 41 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 26 अक्टूबर सुबह 9 बजे होगा। श्रवण नक्षत्र का आरंभ 24 अक्टूबर रात 1 बजकर 28 मिनट से होगी। इसका समापन 25 अक्टूबर सुबह 02 बजकर 38 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं सिंदूर खेला के बारे

सिंदूर खेला:

दुर्गा पूजा के आखिरी दिन सिंदूर खेला उत्सव होता है। यह परंपरा पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है। दुर्गा विसर्जन से पहले यह उत्सव मनाया जाता है। विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला की रस्म निभाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। साथ ही शुभकामनाएं भी देती हैं।

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