इस साल धनतेरस कब है, जान लें लक्ष्मी-कुबेर पूजा का शुभ मुहूर्त और धन त्रयोदशी का महत्व
धर्म अध्यात्म: धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं. धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. धनतेरस के दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं. धनतेरस के दिन लोग अपनी क्षमता के अनुसार, सोना, चांदी, आभूषण आदि की खरीदारी करते हैं. इस दिन ही भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए धन्वंतरि जयंती भी धनतेरस को मनाते हैं. भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य कहा जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि धनतेरस कब है? धनतेरस पूजा का मुहूर्त क्या है?
पंचांग के आधार पर इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन 11 नवंबर शनिवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक मान्य है. त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल 10 नवंबर को 05:30 पी एम से 08:08 पी एम तक है.
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प्रदोष पूजा मुहूर्त को देखते हुए धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा क्योंकि 11 नवंबर को त्रयोदशी तिथि में प्रदोष मुहूर्त नहीं है. 10 नवंबर 2023 को ही धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती होगी.
10 नवंबर को धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 43 मिनट तक है. इस दिन धनतेरस पूजा के लिए आपको 1 घंटा 56 मिनट का समय प्राप्त होगा. इस मुहूर्त में आपको माता लक्ष्मी, कुबेर, गणेश जी, श्रीयंत्र आदि की पूजा कर लेनी चाहिए.
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1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस या धन त्रयोदशी को माता लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की पूजा करने से धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
2. धनतेरस को भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, वे आयुर्वेद के देवता कहे जाते हैं. उनकी कृपा से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य मिलता है.
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नरक चतुर्दशी और दिवाली
धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी होती है, जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं. इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में यम का दीपक जलाते हैं. घर के देवी-देवताओं और तुलसी माता के लिए दीप जलाते हैं. इसके अगले दिन दिवाली का त्योहार मनाते हैं. इस साल दिवाली 12 नवंबर रविवार को है.