चैत्र अमावस्या कब है, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

फाल्गुन पूर्णिमा के बाद नए शक सम्वत और चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का प्रारंभ होता है. कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है.

Update: 2022-03-19 02:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र माह शक सम्वत का पहला महीना होता है. फाल्गुन पूर्णिमा के बाद नए शक सम्वत और चैत्र माह के कृष्ण पक्ष का प्रारंभ होता है. कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि को अमावस्या होती है. अमावस्या के दिन स्नान और दान करने की परंपरा है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. अमावस्या को कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) और पितृ दोष से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं. पितरों की आत्म तृप्ति के लिए भी उपाय करते हैं. आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या कब है, उसकी ति​थि एवं मुहूर्त क्या है?

चैत्र अमावस्या 2022 तिथि एवं मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 31 मार्च दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 01 अप्रैल दिन शुक्रवार को दिन में 11 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है. उदयातिथि के आधार पर चैत्र अमावस्या 01 अप्रैल को है.
01 अप्रैल को अमावस्या का स्नान और दान होगा. चैत्र अमावस्या के दिन नदी में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं, ताकि पितरों की आत्मा तृप्त हो सके और अपने वंश को सुखी जीवन का आशीर्वाद दें.
अमावस्या के दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. इन कार्यों को करने से पितृ दोष भी दूर होता है. चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और जल अर्पित करने के बाद दीपक जलाना चाहिए.
ब्रह्म एवं इंद्र योग में चैत्र अमावस्या
चैत्र अमावस्या के दिन ब्रह्म योग सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक है, उसके बाद इंद्र योग का प्रारंभ होता है. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं.
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है. ये योग सुबह 10:40 बजे शुरु हो रहे हैं और अगले दिन सुबह 06:10 बजे तक रहेंगे. ये दोनों ही कार्यों को ​सिद्ध करने वाले हैं. इस योग को शुभ कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है.


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