कब और कैसे दें सूर्य देव को अर्घ्य..... मां लक्ष्मी करेंगी आपके घर में वास
Surya Arghya Niyam: हम सभी ने हमेशा से सुना है कि सूर्यदेव को अर्घ देने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे सूर्य को हर अर्घ देना चाहिए-
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूर्य देव (Lord Surya) की पूजा-अर्चना के बारे में हिंदू धर्म में खास महत्व दिया गया है. इस पूरी सृष्टि में प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत सूर्य देव ही है. यही कारण है कि सूर्य (Surya dev puja) को स्वास्थ्य, पिता और आत्मा का कारक भी विशेष रूप से माना गया है. सूर्य को जल का अर्घ देने से सभी तरह के कष्ट भी दूर हो जाते हैं. अगर में अपनी कुंडली में सूर्य भारी हो या उसकी दशा खऱाब हो तो आप केवल जल चढ़ाकर इससे मुक्ति पा सकते हैं. हर रोज सूर्य देव (Surya Arghya) को जल चढ़ाने का शास्त्रों में भी खास महत्व बताया गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य देव को जय चढ़ाने के भी कुछ खास नियम होते हैं-
जी हां जब भी सूर्यदेव को जल चढ़ाएं तो कुछ खास बातों का हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए. अगर आप इन नियमों का पालन करके सूर्य भगवान को जल चढ़ाते हैं तो जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा होती है-
जानिए क्या है सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका
1-आपको हमेशा ही सूर्य भगवान को जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद आपको साफ और धुले हुए कपड़ों को पहनना चाहिए. कहा जाता है कि अगर आप रोज सू्र्यदेव को जल चढ़ाते हैं तो जीवन में धन की समस्या नहीं होती है.
2-जहां तक हो हमेशा ही उगते सूरज को ही जल चढ़ाएं, क्योंकि इस दौरान अर्घ देने से खास फल मिलता है.माना जाता है कि सुबह के समय जब सूर्य के किरणें निकलती हैं तो सूर्य भगवान को जल चढ़ाने से शरीर कष्ट भी दूर हो जाते हैं.
3- जब भी सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप आर्घ देने के बाद तीन बार परिक्रमा जरूर लगाएं और फिर इसके बाद धरती के पैर छुएं और ओम सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए.
4- सूर्य को अर्घ्य देते समय आपके दोनों हाथ सिर से ऊपर रखने चाहिए. इतना ही नहीं सूर्य देव को जल चढ़ाने से नवग्रह की कृपा भी प्राप्त होती है.
5- आपको बता दें कि लाल कपड़े पहनकर सूर्य देव को जल देना ज्यादा शुभ माना गया है. इतना ही नहीं जल अर्पित करने के बाद धूप, अगबत्ती आदि से भगवन की पूजा करनी चाहिए. सूर्य को अर्घ्य देने से पहले उस जल में रोली या फिर लाल चंदन और लाल फूल को डाल लें.
6- इसके साथ सूर्य को जल हमेशा सुबह के समय देना फलदायी माना जाता है. अगर आपको सूर्य के दर्शन नहीं हो रहे हों तो जहां आप वो वहीं उनका नाम लेकर जल को अर्पित कर दें. इस दौरान आप ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप भी करें. इसके साथ ही सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर ही होना चाहिए. अगर कभी पूर्व दिशा की ओर सूर्य नजर ना आएं तब ऐसी स्थिति में उसी दिशा की ओर मुख करके ही जल अर्घ्य दें.