खरमास में क्या करें और किन चीजों से करें परहेज, जाने सब कुछ एक क्लिक पर

सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

Update: 2021-11-25 02:47 GMT

सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो 14 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इसके लिए 15 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक कोई विवाह मूहूर्त नहीं है। ऐसी मान्यता है कि खरमास के दौरान भगवान भास्कर की पूजा उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं- खरमास के दिनों में क्या करें और क्या न करें-

खरमास में क्या करें-
-ज्योतिषों की मानें तो खरमास में भगवान भास्कर की पूजा उपासना करने से साधक को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
-खरमास में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में यश और वैभव का आगमन होता है।
-शास्त्रों में निहित है कि खरमास में गौ माता, गुरुदेव और साधुजनों की सेवा करनी चाहिए। इससे साधक को शुभ फल प्राप्त होता है।
-खरमास के दौरान रोजाना भगवान भास्कर को लाल रंग युक्त जल का अर्ध्य दें। साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करें।
-खरमास के दिनों में गरीबों और जरुरतमंदों को अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करें।
खरमास में क्या न करें-
-खरमास में मांगलिक कार्यों की मनाही है। इसके लिए कोई भी शुभ कार्य न करें।
-खरमास के दौरान तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए
-खरमास में वाद-विवाद किसी से न करें।
-ज्योतिषों की मानें तो खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए।
-कारोबार का श्रीगणेश न करें।
-परनिंदा और देवी-देवताओं के प्रति अप्रिय शब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें।

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