जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज यानी 14 जून 2023 को योगिनी एकादशी व्रत रखा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि जो भक्त योगिनी एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें कुष्ठ या कोढ़ रोग से मुक्ति मिलती है और उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उन्हें बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है, लेकिन योगिनी एकादशी व्रत को लेकर शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों पालन करने वाले लोगों को ही पूजा का पूर्ण फल मिलता है। यह व्रत भले ही एकादशी के दिन रखा जाता है, लेकिन व्रत का पालन दसवीं तिथि की शाम से लेकर द्वादशी तिथि की सुबह तक किया जाता है। आइए जानते हैं क्या हैं एकादशी व्रत के नियम...यदि आप योगिनी एकादशी व्रत रखने जा रहे हैं तो दशमी की रात से लेकर द्वादशी के सुबह पारण करने तक अन्न ग्रहण न करें। हालांकि इस व्रत में आप फलों का सेवन कर सकते हैं।
एकादशी वाले दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और शाम के वक्त नहीं सोना चाहिए। वहीं रात में जागकर भगवान का कीर्तन किया जाता है। यदि आपको आराम करना हो तो जमीन पर ही करें। बिस्तर पर न सोएं।
योगिनी एकादशी की पावन तिथि भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाती है। इसलिए इस दिन संयम और सात्विक आचरण का पालन करना चाहिए।