मां लक्ष्मी की कैसी प्रतिमा या चित्र का करना चाहिए पूजा, जाने एक क्लिक पर
कल नये साल 2022 का पहला शुक्रवार है। शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के पूजन को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी का अवतरण धरती पर हुआ था।
कल नये साल 2022 का पहला शुक्रवार है। शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के पूजन को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी का अवतरण धरती पर हुआ था। इसलिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। मां लक्ष्मी के पूजन से न केवल धन-धान्य की प्राप्ति होती है बल्कि मां लक्ष्मी अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करती हैं। मां लक्ष्मी के अनेक रूप हैं जिनके पूजन से अलग-अलग फल प्राप्त होता है। जागरण आध्यात्म में हम आज आपको मां लक्ष्मी के ऐसे रूप के बारें में बता रहें, जिनका पूजन विशेष रूप से गृहस्थों को करना चाहिए। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की कैसी फोटो या मूर्ति का पूजन होता है शुभ और लाभ दायक.....
1-पुराणों में मां लक्ष्मी चंचल स्वभाव की बताया गया है। इसलिए उन्हें चंचला भी कहा गया है। कभी भी उनकी खड़ी अवस्था में मूर्ति या चित्र का पूजन नहीं करना चाहिए। ऐसे स्वरूप की मां लक्ष्मी एक स्थान पर ज्यादा देर नहीं रूकती हैं। इसलिए माता लक्ष्मी की बैठी हुई प्रतिमा का ही पूजन करना चाहिए।
2-माता लक्ष्मी का प्रिय वाहन उल्लू है लेकिन उल्लू भी स्वभाव से चंचल होता है। इसलिए देवी लक्ष्मी की उल्लू पर बैठी हुई प्रतिमा या चित्र का पूजन नहीं करना चाहिए। मां लक्ष्मी की कमल के आसन पर या हाथी की सवारी के स्वरूप का पूजन सबसे लाभदायक मान जाता है।
3- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा दीपावली के दिन करने का विधान है। लेकिन माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं, इसलिए अन्य दिनों में मां लक्ष्मी का पूजन भगवान विष्णु के साथ ही करना चाहिए।
4- माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को घर की उत्तर दिशा में रखना सबसे ज्याद शुभ फल प्रदान करता है। माता लक्ष्मी की मूर्ति को कभी दीवार से सटा कर नहीं रखना चाहिए।
5- मां लक्ष्मी की घर या पूजा स्थल पर एक से ज्यादा मूर्तियां या चित्र नहीं रखने चाहिए। मां लक्ष्मी की एक ही प्रतिमा का पूजन करने से सिद्धि और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।