रुद्राक्ष की माला सावन में पहनें, भूलकर भी धारण ना करें ऐसे मनकें
भगवान शिव के प्रिय चीजों में से एक रुद्राक्ष की माला धारण करना बहुत अच्छा माना जाता है
भगवान शिव के प्रिय चीजों में से एक रुद्राक्ष की माला धारण करना बहुत अच्छा माना जाता है। भले ही यह दूसरे रत्नों की तरह चमकीला न हो लेकिन रुद्राक्ष का अपना एक अलग महत्व है। अगर आप रुद्राक्ष की माला धारण करने की सोच रहे हैं तो इसके लिए सावन महीना सबसे बेस्ट है। हिंदू धर्म में सावन महीने को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दौरान भगवान शिव धरती का भ्रमण करते हैं। वहीं, रुद्राक्ष भी भगवान शिव से संबंधित है। ऐसे में इसे पहनने के लिए सावन का महीना सही रहेगा।
शिव के आंसू से बने थे रुद्राक्ष
मान्याताओं के अनुसार, पवित्रता का प्रतीक माना जाने वाले रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसू से उत्पन्न हुआ थे। धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों के अनुसार धरती पर 21 मुखी रुद्राक्ष होते है लेकिन अब 14 मुखी रुद्राक्ष ही मिलते हैं। मान्यता है कि रुद्राक्ष से बनी माना जपने से मन व दिमाग को शांति मिलती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर में पॉजीटिव एनर्जी का संचार होता है।
कैसा होना चाहिए रुद्राक्ष?
लाल, पीला या सफेद धागे में बीज आकार में एक समान, बहुमुखी, चिकना और कांटो वाला रुद्राक्ष पहनना शुभ माना गया है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हुए रुद्राक्ष धारण करें। आप इसे सोना-चांदी या तांबे में जड़वाकर बाजु में भी पहन सकते हैं। मगर, ध्यान रखें कि टूटा-फूटा, कांटों के छिद्रयुक्त, बिना जुड़ा और कीड़े लगा हुआ रुद्राक्ष भूलकर भी ना पहनें।
चलिए अब आपको बताते हैं कि रुद्राक्ष की माला धारण करने से आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं...
दीर्घायु करता है प्रदान
मान्यता है जो जिस घर में रोजाना रुद्राक्ष की माला जपी जाती है वहां आरोग्य का वास रहता है। रुद्राक्ष दीर्घायु प्रदान करता है।
मन को मिलती है शांति
रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है और साथ ही मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
मिलेगा मान सम्मान
शिवपुराण के अनुसार, 4 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मान-सम्मान, मानसिक रोग, पक्षाघात और नाक की बीमारी में लाभ मिलता है।
सभी रोगों का नाश
चूंकि 6 मुखी रुद्राक्ष शिवजी के पुत्र कार्तिकेय जी का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसे धारण करने से शरीर के सभी विकार दूर होते हैं।
दरिद्रता का नाश
शिवपुराण के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही यह नेत्र का रोग दूर करता है।
पति-पत्नी पहनें एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और देवी पार्वती का रूप माना जाता है इसलिए एक साथ इसे पहनने से रिश्ते में प्यार व विश्वास बढ़ता है। साथ ही इससे पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।
मिलेगी पापों से मुक्ति
मान्यता है कि शिव स्वरूप पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली आती है।