अगहन के दौरान इस चीज के दान से दूर होती है शरीर की दुर्बलता

मार्गशीर्ष हिंदी का नौवां महीना होता है. इसे अगहन के नाम से भी जाना जाता है

Update: 2021-11-24 12:43 GMT
Margashirsha 2021: मार्गशीर्ष हिंदी का नौवां महीना होता है. इसे अगहन के नाम से भी जाना जाता है. हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष (अगहन) को खास व पवित्र माना गया है, क्योंकि इसी महीने से सतयुग का आरंभ हुआ था. 20 नवंबर से अगहन शुरू हो चुका है. अगहन (मार्गशीर्ष) भगवान कृष्ण को भी प्यारा है. ऐसा भगवान कृष्ण ने गीता में भी कहा है. मान्यता ये भी है कि इसी महीने में ऋषि कश्यप ने कश्मीर की स्थापना की थी. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में श्री कृष्ण की उपासना बहुत उत्तम है. इसके अलावा भी कुछ खास काम ऐसे हैं जिसे करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता रहता है. आइए जानते हैं कि अगहन में कौन-कौन सा काम शुभकारी माना गया है.
दूसरों की निंदा से बचें
मार्गशीर्ष (अगहन) के दौरान किसी भी इंसान की निंदा करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही दूसरों की निंदा सुनना भी खराब माना गया है. यदि किसी कारण दूसरों की निंदा करनी या सुननी पड़े तो मन में 'ओम् दामोदराय नमः' कहकर अपने इष्ट का स्मरण करें.
चाँदी का दान
अगहन माह में दान का खास महत्व है. दान के तौर चाँदी का इस्तेमाल बेहद शुभ माना गया है. मान्यता है कि चाँदी के दान से शरीर की दुर्बलता दूर होती है. इसके अलावा यौन संबंधी परेशीनी से भी मुक्ति मिल जाती है. जबकि अन्न का दान करने से आँखों के विकार दूर होते हैं. साथ ही मन की कामना पूरी होती है.
एक समय भोजन और दान
धर्म शास्त्र के अनुसार अगहन के दौरान इंसान को दिन में एक बार ही खाना चाहिए. इसके साथ-साथ अपनी क्षमता मुताबिक ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और जो जितना संभव हो सके दान देना चाहिए. मान्यता है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है वह अनेक प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है.
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