शनि महाराज का आशीर्वाद पाना चाहते ,पूजा में पढ़ें ये आरती

Update: 2023-05-13 06:48 GMT
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनिदेव की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता हैं। भक्त इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि शनिदेव की कृपा जिस पर हो जाती हैं उसके जीवन के सभी कष्टों व दुखों का निवारण हो जाता हैं ऐसे में हर कोई आज के दिन प्रभु भक्ति में लीन रहता है।
अगर आप भी शनि महाराज का आशीर्वाद पाना चाहते हें तो शनिवार की पूजा में भगवान श्री शनिदेव की प्रिय आरती जरूर पढ़ें मान्यता है​ कि किसी भी देवी देवता की पूजा बिना आरती के पूर्ण नहीं होती हैं ऐसे में अगर आप शनि देव की आरती आज करते हैं तो आपको पूर्ण फलों की प्राप्ति होती हैं और जीवन के सभी कष्टों का भी निवारण हो जाता हैं। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री शनिदेव की आरती।
श्री शनिदेव की आरती—
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ।
अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,
करें तुम्हारी सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,
घोर कष्ट वह पावे ।
धन वैभव और मान-कीर्ति,
सब पलभर में मिट जावे ।
राजा नल को लगी शनि दशा,
राजपाट हर लेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
जा पर प्रसन्न होउ तुम स्वामी,
सकल सिद्धि वह पावे ।
तुम्हारी कृपा रहे तो,
उसको जग में कौन सतावे ।
ताँबा, तेल और तिल से जो,
करें भक्तजन सेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
हर शनिवार तुम्हारी,
जय-जय कार जगत में होवे ।
कलियुग में शनिदेव महात्तम,
दु:ख दरिद्रता धोवे ।
करू आरती भक्ति भाव से,
भेंट चढ़ाऊं मेवा ।
जय शनि देवा, जय शनि देवा,
जय जय जय शनि देवा ॥
॥ श्री शनि देव आरती-2 ॥
चार भुजा तहि छाजै,
गदा हस्त प्यारी ।
जय शनिदेव जी ॥
रवि नन्दन गज वन्दन,
यम अग्रज देवा ।
कष्ट न सो नर पाते,
करते तब सेवा ॥
जय शनिदेव जी ॥
तेज अपार तुम्हारा,
स्वामी सहा नहीं जावे ।
तुम से विमुख जगत में,
सुख नहीं पावे ॥
जय शनिदेव जी ॥
नमो नमः रविनन्दन,
सब ग्रह सिरताजा ।
बन्शीधर यश गावे,
रखियो प्रभु लाजा ॥
जय शनिदेव जी ॥
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