Vrat: सुयोग्य वर और संतान प्राप्ति के लिए करें ये व्रत

Update: 2024-07-16 17:08 GMT
व्रत fast: सनातन धर्म में ‘जया पार्वती व्रत’ का खास महत्व है। जया पार्वती व्रत हर साल आषाढ़ महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस व्रत को रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। जया पार्वती व्रत को ‘गौरी व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है। माता पार्वती को समर्पित ‘जया पार्वती व्रत’ (Jaya Parvati Vrat 2024) इस साल 19 जुलाई, शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि माता पार्वती की आराधना करने से पारिवारिक जीवन में खुशियां आती है और संतान सुख प्राप्त होता है।
‘जया पार्वती व्रत’ का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस व्रत को ‘गौरी व्रत’ (Gouri Vrat) भी कहा जाता है। आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से प्रारंभ होकर पांच दिनों तक इसे मनाया जाता है। ये व्रत अविवाहित महिलाओं द्वारा मनचाहा वर पाने के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस उपवास को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही विवाह से जुड़ी सभी समस्याओं का अंत होता है। तो आइए जानें जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसकी महिमा-
‘जया पार्वती व्रत’ का auspicious time
माता पार्वती को समर्पित ‘जया पार्वती व्रत’ 19 जुलाई शुक्रवार को रखा जाएगा। यह व्रत आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से आरंभ होता है। यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित महिलाओं द्वारा मनचाहा वर पाने के लिए किया जाता है। जया पार्वती व्रत त्रयोदशी तिथि यानी 18 जुलाई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रहा है, वही त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 19 जुलाई को शाम 7 बजकर 41 मिनट पर होगा।
ऐसे करें ‘जया पार्वती व्रत’ की पूजा
इस दिन देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है। ऐसे में सबसे पहले उठकर पवित्र स्नान करें। मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा को गंगाजल से साफ करें। फिर सफेद चंदन और कुमकुम से उनका तिलक करें। उनके समक्ष देसी घी का दीया जलाएं। सफेद और लाल फूलों की माला अर्पित करें। ऋतु फल और खीर का भोग लगाएं।
माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री जैसे- साड़ी, सिन्दूर, मेहंदी, चूड़ियां और हल्दी आदि चीजें अर्पित करें। कुंवारी कन्याएं देवी पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं, इससे उन्हें मनोवांछित वर की प्राप्ति होगी। पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ वैदिक मंत्रों का जाप करें और फिर आरती करें। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और दक्षिणा प्रदान करें।
‘जया पार्वती व्रत’ की महिमा
सनातन धर्म में जया पार्वती के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन का व्रत करने से व्रती को संतान सुख की प्राप्ति होती है और पति की लंबी आयु होती है। कुंवारी कन्या इस व्रत को इसलिए करती हैं कि उनको मनचाहे वर की प्राप्ति हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जया पार्वती का व्रत रखने से ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलती है।
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