Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें बप्पा की पूजा

Update: 2024-08-07 05:56 GMT
Vinayak Chaturthi 2024: हिन्दू धर्म में सावन माह की विनायकी चतुर्थी का बहुत अधिक महत्व है. इस दिन सबसे पहले पूजनीय भगवान गणेश की पूजा का विधान है. वैसे तो हर महीने कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को शुभ माना गया है. इस चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, जब चतुर्थी तिथि शुक्लपक्ष में पड़ती है तो विनायक चतुर्थी कहलाती है. सावन में विनायक चतुर्थी व्रत 8 अगस्त के दिन रखा जाएगा. अगस्त महीने का विनायक चतुर्थी व्रत शिव, सिद्ध व रवि योग के संयोग में रखा जाएगा.
7 अगस्त दिन बुधवार को रात 10 बजकर 05 मिनट से शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 09 अगस्त 2024 दिन रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत 8 अगस्त दिन गुरुवार को रखा जाएगा. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का समय 8 अगस्त को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए लोगों को सिर्फ 2 घंटे 40 मिनट का समय मिलेगा. चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 59 मिनट है. इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित है.
भगवान श्री गणेश की इस पावन तिथि पर विधि-विधान से पूजा करने पर लोगों को मनचाहा आशीर्वाद मिलता है और घर में धन-दौलत के साथ सुख-समृद्धि भी बनी रहती है. इसके अलावा जीवन में आने वाले दुख-दर्द दूर होते हैं. विनायक चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की विधिवत पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें. इस मंत्र का जाप करने से जीवन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र पहनें.
सुबह सबसे पहले उगते सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें.
भगवान गणपति के मंदिर में एक जटा वाला नारियल और मोदक प्रसाद के रूप में लेकर जाएं.
फिर गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पण करें तथा ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें और धूप दीप अर्पित करें.
दोपहर पूजन के समय अपने घर मे अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें.
संकल्प के बाद पूजन कर श्री गणेश की आरती करें और मोदक बच्चों को बाट दें.
विनायक चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश से मनचाहा वरदान पाने के लिए लोगों को दिन व्रत रखते हुए दो बार पूरे विधि-विधान से पूजा करें.
गणपति के भक्त को एक बार दोपहर में और दूसरी बार मध्याह्न में गजानन की आराधना करनी होगी.
गणेश जी के मंत्र का कम से कम एक माला जप जरूर करें. इससे गणपति आपका जीवन खुशियों से भर देंगे.
विनायक चतुर्थी का महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार, जो भक्त सावन की विनायकी चतुर्थी वाले दिन गणपति को लाल रंग के पुष्प, दूर्वा, पान, सुपाड़ी, मोदक या मोतीचूर का लड्डू चढ़ाकर उनकी पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी हो जाती हैं. गणपति की कृपा से उसे बल-बुद्धि, सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. गणपति की कृपा से उसके सारे काम सिद्ध होते हैं. इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
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