विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत, ना करें पूजा का उत्तम मुहूर्त

Update: 2024-04-27 09:31 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विकट संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है यह तिथि श्री गणेश की पूजा आराधना के लिए उत्तम मानी जाती है
 इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हैं कहा जाता है कि चतुर्थी तिथि पर शिव पुत्र गणेश की पूजा करने से भक्तों को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है और सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल दिन शनिवार यानी आज किया जा रहा है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजन का सबसे शुभ समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त।
 पंचांग के अनुसार 27 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ हो चुका है और समापन 28 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर हो जाएगा। इस व्रत में चतुर्थी तिथि में चंद्रमा की पूजा और जल का समय विशेष माना जाता है। ऐसे में विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल दिन शनिवार को किया जाएगा।
 विकट संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह 5 बजे तक रहेगा। वही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मनट तक रहेगा। ऐसे में विकट संकष्टी चतुर्थी के पावन दिन पर आप भगवान श्री गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं वही रात में चंद्रोदय होने पर भी पूजा करें और जल अर्पित करें फिर अपने व्रत का पारण कर व्रत को पूरा करें।
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