Vighanraj Sankashti 2021: अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जानें व्रत का महत्व और पूजा विधि
हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष (Ashwin Month Krishna Paksha) की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Vighanraj Sankashti Chaturthi) कहा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Vighanraj Sankashti Puja Vidhi: हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष (Ashwin Month Krishna Paksha) की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Vighanraj Sankashti Chaturthi) कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश जी (Bhagwan Ganesh) को समर्पित है. इस दिन व्रत करने से भगवान की विशेष कृपा मिलती है. इस साल 24 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी (Vighanraj Sankashti Chaturthi On 24th September) का व्रत रखा जाएगा. कहते हैं कि गणेश जी की पूजा करने से कुंडली में मौजूद बुध ग्रह (Budh Dosh In Kundali) मजबूत हो जाता है. गणेश भगवान बल, बुद्धि, विवेक और ज्ञान देने वाले माने जाते हैं. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को ये व्रत रखा जाता है. वहीं, अमावस्या के बाद की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है.