Vastu Tips: ध्यान रखें घर में रखा आईना कर सकता है आपको कंगाल

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में मौजूद हर एक चीज के अलावा हर कोने से सकारात्मक या फिर नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इस एनर्जी का असर व्यक्ति के जीवन पर सबसे अधिक पड़ता है।

Update: 2022-09-02 04:44 GMT

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में मौजूद हर एक चीज के अलावा हर कोने से सकारात्मक या फिर नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इस एनर्जी का असर व्यक्ति के जीवन पर सबसे अधिक पड़ता है। कई बार घर में वास्तु दोष न होने के कारण सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं अगर घर में थोड़ा सा भी वास्तु दोष हुआ, तो व्यक्ति की तरक्की, सुख-समृद्धि, धन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे ही घर में मौजूद चीजों में से एक है दर्पण या शीशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दर्पण का सही दिशा में लगा होना बेहद जरूरी है। क्योंकि इसके असर से व्यक्ति का पूरा जीवन भी बर्बाद हो सकता है। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण संबंधी कई नियमों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी।

इस दिशा में न लगाएं दर्पण

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा में कभी भी दर्पण नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इसका असर घर में रहने वाले लोगों पर बुरा पड़ता है। इसके कारण रिश्तों में दरार आती है और कलह मची रहती है।

टूटा दर्पण

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अगर घर में मौजूद शीशा जरा भी टूट गया है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। क्योंकि इससे निगेटिव एनर्जी अधिक उत्पन्न होती है।

किचन में दर्पण

वास्तु के अनुसार, किचन में बिल्कुल भी दर्पण नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि इससे घर में निगेटिव एनर्जी अधिक प्रवेश करती है।

दर्पण रखें साफ

वास्तु के अनुसार, घर में मौजूद दर्पण को हमेशा साफ रखना चाहिए। गंदा दर्पण नकारात्मक ऊर्जा बढाता है।

बेडरूम में रखें तो ध्यान रखें ये बात

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में शीशा लगा रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि वह बेड के सामने बिल्कुल भी न हो। यानी सोते समय शरीर का एक भी अंग उसमें नहीं दिखना चाहिए। क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। अगर सोते समय आपके सामने शीशा पड़ रहा है, तो उसे किसी कपड़े से ढक दें। इससे प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।

एक-दूसरे सामने न हो दर्पण

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में शीशा लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह एक-दूसरे के सामने न हो। क्योंकि ऐसा होने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।


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