Vastu Tips: हर इंसान में अच्छी और बुरी आदतें होती हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि अनजाने में वो आदतें हमें नुकसान पहुंचा देती हैं। हम अनजाने में गलतियाँ करते हैं लेकिन वास्तु के अनुसार, ये गलतियाँ हमें आर्थिक रूप से कमजोर बनाती हैं। इतना ही नहीं इन गलतियों के कारण घर में कलह भी बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में इन छोटी-छोटी बातों को विशेष महत्व दिया गया है। वास्तु शास्त्र में कई ऐसी आदतों के बारे में बताया गया है जिन्हें भूलकर भी नहीं दोहराना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम और किचन दोनों ही घर के अहम हिस्से होते हैं। ऐसे में किचन और बेडरूम से जुड़ी गलतियां आपको कंगाल बना सकती हैं। इतना ही नहीं रिश्तों में मनमुटाव भी होने लगता है। आइए जानते हैं वो कौन सी गलतियां हैं जिनसे बचना चाहिए।
बेडरूम से जुड़ी गलत आदतें
अक्सर लोग शयनकक्ष का उपयोग भोजन कक्ष के रूप में करते हैं। यानि अक्सर लोग बिस्तर पर बैठकर ही खाना खाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर खाना खाने की आदत गलत है। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। इसके अलावा गंदे बिस्तर पर सोने से रात में बुरे सपने आते हैं और आर्थिक नुकसान भी होता है।
कभी-कभी, हम अपनी चाय या कॉफी का कप बिस्तर के पास, Bedside टेबल पर छोड़ देते हैं। अपने बिस्तर या कमरे में बिना धुले बर्तन न रखें। अन्यथा, यह गरीबी का कारण बन सकता है। आमतौर पर घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार तकिए के नीचे अखबार या किताबों से जुड़ी कोई भी चीज नहीं रखनी चाहिए। ऐसी चीजें सिर के नीचे रखने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। ऐसे लोग जीवन में कभी भी प्रगति नहीं कर पाते हैं।
किचन से जुड़ी गलत आदतें
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर में खाना नहीं खाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से किचन गंदा हो जाता है और मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। इसलिए अगर जगह की दिक्कत हो तो किचन से थोड़ी दूरी पर बैठकर खाना खाएं।
रसोई में बेकार बर्तन छोड़ देने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं। इसलिए सोने से पहले किचन साफ कर लें और गंदे बर्तन साफ कर लें। अगर किसी कारणवश आप रात में बर्तन नहीं धो सकते तो बर्तनों में पानी डाल दें।
वास्तु शास्त्र के अनुसार kitchen में मंदिर नहीं बनाना चाहिए। रसोईघर में तामसिक भोजन पकाने और वहां मंदिर रखने से देवी लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं।