Vastu Shastra: वास्तुशास्त्र के अनुसार. कई बार कुछ बीमारियों का कारण तो हमें पता ही नहीं होता लेकिन उसमें जाने-अनजाने हमारा ही दोष होता है। यानी कि अगर हम अपने आसपास थोड़ा ध्यान दें तो वास्तुदोष के चलते होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं। तो आइए जान लेते हैं…
तब रहते हैं अमूमन ही बीमार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर किसी के भी घर में ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा में Washroom बना हो या फिर सीढ़ियां ही बनी हों, तो बेहतर होगा इनमें सुधार कर लें। अगर नहीं हो सकता है तो किसी भी वास्तु एक्सपर्ट की राय लेकर जरूरी वास्तु दोष निवारण कर लें। कहते हैं कि जब भी ईशान कोण में ऐसी स्थिति होती है तब घर-परिवार के सदस्य आए दिन बीमार ही रहते हैं। यानी कि सेहत संबंधी मामलों में अथाह धन खर्च होता है।
तब होती है हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लमवास्तु दोष और रोग
अगर किसी जातक के घर में पूर्व दिशा में रिक्त स्थान न हो और बरामदे की ढलान पश्चिम दिशा की ओर हो, तो परिवार के मुखिया को नेत्र संबंधी बीमारी, स्नायु संबंधी बीमारी या फिर हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर घर में कोई भी ऐसी किसी बीमारी से जूझ रहा हो तो एक बार घर का वास्तु जरूर चेक कर लें कि कहीं वास्तुदोष तो नहीं। इसके बाद तुरंत ही इसमें सुधार जरूर करवा लें।
तब होती है बच्चों को परेशानी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक के घर में पूर्व दिशा का स्थान ऊंचा हो, तो ऐसे जातकों का सारा जीवन आर्थिक अभावों और कई तरह की परेशानियों में व्यतीत होता है। इसके अलावा पेट संबंधी बीमारियां भी आए दिन घेरे ही रहती हैं। वहीं ऐसे Vastu defects के चलते परिवार में बच्चों की सेहत भी खराब रहती है। साथ ही उनकी पढ़ने-लिखने में भी कोई रुचि नहीं होती। इसके अलावा किसी न किसी बात को लेकर घर में कलह मची ही रहती है। इससे मानसिक बीमारियों से भी जातक परेशान रहते हैं।