ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है पंचांग के अनुसार हर माह की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा का व्रत किया जाता है यह तिथि माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा को समर्पित होती है।
वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है। सभी पूर्णिमा तिथियों में वैशाख पूर्णिमा को खास बताया गया है तो आज हम आपको तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
कब है वैशाख पूर्णिमा—
पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन वैशाख पूर्णिमा का व्रत किया जाता है इस बार पूर्णिमा का व्रत 23 मई को रखा जाएगा। इस दिन कई सारे शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है वैशाख पूर्णिमा के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव वास योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण भी हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने से धन संकट दूर हो जाता है और आर्थिक पक्ष सुधरता है।
पूर्णिमा तिथि का शुभ समय—
वैशाख पूर्णिमा का आरंभ 22 मई को शाम 5 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन अगले दिन यानी की 23 मई को 6 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगा। वही पूर्णिमा का व्रत 23 मई को किया जाएगा। पूर्णिमा पर भद्रा का साया है जो कि मान्य नहीं होगा। ऐसे में आप पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान कर सकते हैं।