कल, सावन के पहले सोमवार में ऐसे करें भगवान शिव-माता पार्वती का पूजा

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार साल का प्रत्येक महीना, तिथि और वार किसी न किसी देवता की पूजा- आराधना को समर्पित होता है।

Update: 2021-07-25 11:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार साल का प्रत्येक महीना, तिथि और वार किसी न किसी देवता की पूजा- आराधना को समर्पित होता है। इसी तरह हिंदी पंचांग का पांचवां महीने सावन में विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना की जाती है। इनमें से सावन के सोमवार भगवान शिव के व्रत और पूजन के लिए विशेष हैं। सभी शिव भक्त साल भर सावन के सोमवार का इंतजार करते हैं। मान्यता है कि श्रद्धाभाव से जो भी सावन के सोमवार भगवान शिव का व्रत रखता है उसे शिव जी की असीम कृपा की प्राप्ति होती है। इस साल सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है। आइए जानते हैं इसका व्रत और पूजन विधि....

सौभाग्य योग में करे पूजन

साल का पहला सावन का सोमवार कल 26 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ पूजन और व्रत रखने का विधान है। कल शिव-पार्वती का पूजन करने के लिए सौभाग्य योग सबसे उत्तम है। काल गणना के अनुसार सौभाग्य योग दिन में 12:43 से शुरू होकर रात्रि 10:39 तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग लग जाएगा। मान्यता है जो भी गृहस्थ इस काल में शिव परिवार का पूजन करते हैं उनके परिवार के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। कुवांरी कन्याये इस दिन से सोलह सोमवार का व्रत रख कर मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं।

व्रत और पूजन की विधि

भगवान शिव का एक रूप योगी और वैरागी का है इसलिए मान्यता है कि गृहस्थों को सावन में माता पार्वती के साथ पूरे शिव परिवार का पूजन करना चाहिए। इस दिन सुबह उठ कर भगवान शिव का स्मरण करते हुए स्नान आदि से निवृत्त होना चाहिए। सबसे पहले भगवान शिव का दूध और जल से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव के प्रिय बेल पत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प अर्पित करें। माता पार्वती को श्रृगांर का सामान चढ़ाया जाता है। इसके बाद धूप, दीप से भगवान की स्तुति करें और दिन भर के फलाहार व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन सोमवार व्रत कथा और शिव आरती का पाठ करना शिव कृपा पाने का सबसे सरल उपाय है।

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