कल माघ पूर्णिमा के दिन स्नान एवं दान का महत्व,जानें चंद्रोदय समय और पूजा मुहूर्त

शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहा जाता है

Update: 2022-02-15 01:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ माह (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) कहा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ पूर्णिमा 16 फरवरी दिन बुधवार को है. माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. इस अवसर पर प्रयागराज के संगम में स्नान करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है. माघ पूर्णिमा के अवसर पर सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली से चंद्र दोष दूर होता है और माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, धन एवं वैभव प्राप्त होता है. आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा के पूजा मुहूर्त (Puja Muhurat), तिथि एवं चंद्रोदय समय (Moon Rising Time) के बारे में.

माघ पूर्णिमा 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज रात 09 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि कल 16 फरवरी को रात 01 बजकर 25 मिनट तक रहेगी. स्नान एवं दान का कार्य सूर्योदय की तिथि अनुसार होती है, इस वजह से माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को है. इस दिन ही व्रत एवं पूजन होगा.
माघ पूर्णिमा पर सुंदर योग
इस साल माघ पूर्णिमा पर सुंदर योग बना है. शोभन योग माघ पूर्णिमा की रात 08:44 बजे तक है. इस योग में मांगलिक एवं शुभ कार्य किए जा सकते हैं. शोभन योग एक शुभ योग माना जाता है.
माघ पूर्णिमा 2022 चंद्रोदय समय
माघ पूर्णिमा को चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 54 मिनट पर है. इस समय में चंद्रमा का उदय होगा. शोभन योग रात करीब पौने नौ बजे तक है, ऐसे में आप चाहें तो चंद्रमा एवं माता लक्ष्मी की पूजा साथ कर सकते हैं.
माघ पूर्णिमा 2022 स्नान एवं दान का महत्व
हिन्दू धर्म में माघ माह में विष्णु पूजा, गंगा स्नान का विशेष महत्व है. माघ माह में प्रयागराज में संगम के तट पर पूरे माह कल्पवास किया जाता है. इस दौरान गंगा स्नान और भक्ति-भजन किया जाता है. भगवान विष्णु एवं मां गंगा की कृपा से पाप मिट जाते हैं, मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.


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