कल है विनायक चतुर्थी, इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से दूर होंगी सभी परेशानी

कल है विनायक चतुर्थी

Update: 2021-07-12 14:53 GMT

कल विनायक चतुर्थी है. हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले होती हैं. हर पूजा पाठ की शुरुआत से पहले विघ्नहर्ता की पूजा करने की परंपरा है, मान्यता है कि विघ्नहर्ता की पूजा करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं. इतनी ही नहीं, जहां गणेश जी का वास होता है वहां सुख- समृद्धि आती है.

विनायक चतुर्थी का दिन गणेश जी के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. कई लोग इस दिन पूजा और उपवास करते है. इस दिन विधि- विधाने से पूजा करने से आपकी सभी दुख दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 जुलाई की सुबह 08 बजकर 24 मिनट के बाद से चतुर्थी तिथि की शुरुआत हो जाएगी. दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर सिद्दी योग शुरू हो जाएगा. मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. साथ ही आपके बिगड़े काम भी बनने लग जाते है. चंद्रोदय का समय सुबह 07 बजकर 52 मिनट पर होगा और चंद्रास्त का समय रात 09 बजकर 21 मिनट पर होगा.
विनायक चतुर्थी पूजा- विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान करने के बाद लाल और पीले कपड़े पहनें. ये दोनों रंग शुभ होते हैं. इसके बाद पूजा वाली जगह को साफ कर गंगाजल छिड़के. गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर दीप प्रजवलित करें. इसके बाद लाल रंग का कुमकुम, अक्षत, फूल दूर्वा आदि चढ़ाएं. गणेश जी को मोदक का प्रसाद भोग लगाएं. इसके बाद गणेश चलीस का पाठ करें और फिर आरती उतारें.
विनायक चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश को बल, बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है इस दिन विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. भगवान गणेश की पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही रिद्धि और सिद्दी भी आती है. विघ्नहर्ता आपके सभी कष्टों को दूर करते हैं.a


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