कल हैं क्रिसमस पर्व, मोक्षदा एकादशी एवं गीता जंयती है, जानिए इन पर्वों का महत्व
पंचांग के अनुसार आज का दिन धर्म-कर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. आज के दिन 3 खास पर्व पड़ रहे हैं. आज क्रिसमस यानि बड़ा दिन भी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पंचांग के अनुसार आज का दिन धर्म-कर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. आज के दिन 3 खास पर्व पड़ रहे हैं. आज क्रिसमस यानि बड़ा दिन भी है. क्रिसमस का पर्व भारत समेत पूरी दुनिया में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन हिंदू धर्म के दो विशेष पर्व भी हैं. 25 दिसंबर को ही मोक्षदा एकादशी व्रत और गीता जंयती का पर्व भी है.
क्रिसमस पर्व का महत्व
25 दिसंबर को बड़ा दिन भी कहा जाता है. इस दिन क्रिसमस का पर्व भी मनाया जाता है. प्रभु यीशु के जन्म दिन की उपलक्ष्य में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व दुनिया भर में मनाया जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं और उपहार देते हैं. इस पर्व को खुशियों का पर्व भी कहा जाता है. क्रिसमस का पर्व प्रेम और दया का संदेश देता है.
मोक्षदा एकादशी व्रत
पंचांग के अनुसार 25 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. यह साल की अंतिम एकादशी है. मोक्षदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत सभी प्रकारों के पाप से मुक्त दिलाता है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है.
गीता जयंती
हिंदू धर्म में गीता को बेहद पवित्र ग्रंथ माना गया है. ऐसा माना जाता है कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही गीता की उत्पत्ति हुई थी. इसे श्रीमद्भागवत गीता भी कहा जाता है. एकादशी तिथि को ही महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इसीलिए इस दिन को गीता जंयती के रूप में मनाया जाता है. गीता का उपदेश मनुष्य को जीवन में श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रेरित करता है. गीता में कुल 18 अध्याय हैं. इस दिन गीता का पाठ करने से भगवान श्रीकृष्ण का आर्शीवाद प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय महीना भी माना जाता है.