रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग आज, इन उपायों से होगा लाभ

आज यानी 11 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है।

Update: 2020-10-11 04:43 GMT

रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग आज, इन उपायों से होगा लाभ

जनता से रिश्ता वेबडेस्कआज यानी 11 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का अत्यंत दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ संयोग में व्यक्ति अगर कोई शुभ कार्य करता है तो वह अटल और चिरस्थाई होगा। हिंदू धर्म और ज्योतिष में कुछ तिथियां बेहद ही विशेष और शुभ होती हैं। अगर इन तिथियों में कोई शुभ काम किया जाए तो वह जरूर सफल होता है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं इन तिथियों और पुष्य नक्षत्र के बारे में।

इस बार पुष्य नक्षत्र अधिक मास अर्थात पुरुषोत्तम मास में पड़ रहा है। इस बार 10 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र रात 8.54 से 11 अक्टूबर रात 8.58 तक रहेगा इसलिए 10 को रवि पुष्य और 11 अक्टूबर को सोम पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। रवि पुष्य नक्षत्र योग को खरीददारी के लिए बहुत शुभ माना जाता है। रवि पुष्य का योग रविवार को दिनभर रहेगा। ऐसे में पूरे दिन कभी भी खरीददारी की जा सकती है। इस योग में की गई खरीददारी न केवल शुभ होती है बल्कि इस मुहूर्त में खरीदी गई वस्तु खरीददार के लिए सुख-सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है। इस दिन कुछ विशेष प्रयोग करके आप अपने जीवन की सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं

रवि पुष्य नक्षत्र का मुहूर्त:

इस दिन सूर्योदय से यह योग आरम्भ होकर रात 01 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

रवि पुष्य योग के दिन इन उपायों से से होगा लाभ:

1- भगवान विष्णु जी और मां लक्ष्मी का अभिषेक केसर युक्त दूध से करें। इससे धन लाभ होता है।

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2- 11 लघु नारियल की पूजा करें और उन्हें लाल कपड़े में बांधकर धन स्थान में रखें। इससे धन कोष में वृद्धि होती है।

3- शंखपुष्पी की जड़ को चांदी की डिब्बी में रखें। इस डिब्बी को घर की तिजोरी में रखें। इससे धन की कमी नहीं होती है।

4- मोती शंख में जल भरें और लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र के साथ रख दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

5- मोती शंख को घर में स्थापित करें। फिर प्रतिदिन श्री महालक्ष्मै नम: मंत्र को 11 बार जपें। मंत्र जपते समय एक-एक चावल का दाना शंख में भरते रहें। ऐसे ही 11 दिन तक करें। इससे आर्थिक तंगी खत्म हो जाती है

6- रवि पुष्य नक्षत्र के दिन चांदी या सोने के आभूषण खरीदना अत्यंत शुभ होता है। इससे सुख समृद्धि में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी होती है।

7- सूर्यदेव की पूजा से मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। विधिवत भगवान सूर्य का पूजन करें। सूर्योदय के समय जल का अर्घ्य दें। साथ ही आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

8- किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लें और माणिक रत्न सोने या तांबे की अंगूठी में बनवाकर अनामिका अंगुली में धारण करें। इससे सूर्य शुभ प्रभाव देता है।

9- अगर कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब है तो रवि पुष्य नक्षत्र में किसी ब्राह्मण को गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

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