आज करें गणपति की विधिवत पूजा, कर्ज से मिलेगी जल्द मुक्ति

भगवान गणेश सर्वप्रथम पूज्य देव हैं. समस्त कार्यों का शुभारंभ गणपति पूजन से ही होती है. इसीलिए गणपति को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है.

Update: 2021-01-02 04:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | भगवान गणेश सर्वप्रथम पूज्य देव हैं. समस्त कार्यों का शुभारंभ गणपति पूजन से ही होती है. इसीलिए गणपति को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. इनके पूजन से समस्त पापों का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है. नए साल का शुभारंभ हो चुका है. ऐसे में साल 2021 के दूसरे दिन यानि 2 जनवरी को ही संकष्टी चतुर्थी है. आज पड़ने वाली चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की पूजा विधिवत रूप से करने से वो अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपकी सारी मनोकामनाएं स्वत: ही पूर्ण हो जाती हैं.

हर माह में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में दो चतुर्थी के व्रत आते हैं. दोनों व्रत भगवान गणेश को समर्पित हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. साल 2021 की पहली संकष्टी चतुर्थी 2 जनवरी यानि आज पड़ रही है. मान्यता है कि सच्चे मन से इस व्रत को करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं. नए साल को संकटमुक्त बनाने के लिए इस साल की पहली संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह करें भगवान गणपति का व्रत व पूजन.
पूजन विधि
सुबह सूर्योदय के समय उठकर स्नादि से निवृत्त होने के बाद भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा की तैयारी करें. पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें. इसके बाद उनको जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें. अब केले का एक पत्ता या एक थाली ले लें. इस पर रोली से त्रिकोण बनाएं. त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें. बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च रखें. इसके बाद अग्ने सखस्य बोधि नः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इसके बाद व्रत कथा पढ़ें और भगवान गणेश की आरती करें.
चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत खोलें
पूजा के बाद भगवान गणेश से क्षमायाचना करते हुए परिवार के संकटों को दूर करने और कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें. गणेश चतुर्थी का व्रत अगर संभव हो तो निर्जल रहें. अगर निर्जल रहना मुश्किल लगे तो फलाहार वगैरह ले सकते हैं. रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत को खोलें.
संकट दूर होते और कर्ज से मुक्ति मिलती
मान्यता है कि इस दिन जो भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की आराधना करते या व्रत रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. परिवार के सारे कष्ट दूर होते हैं. क्लेश मिटता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है.


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