आज फूलेरा दूज पर राधारानी की इस विधि से करें पूजा,मंत्र एवं आरती
आज फूलेरा दूज है. आज मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी की पूजा होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज फूलेरा दूज है. आज मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी की पूजा होती है. राधारानी और श्रीकृष्ण फूलों की होली खेलेंगे. आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है. राधाजी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. ऐसे में आप फूलेरा दूज पर आप राधारानी की पूजा करके माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा से प्रेम, सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं फूलेरा दूज पर राधारानी की पूजा विधि (Puja Vidhi), मंत्र (Mantra) एवं आरती (Aarti) के बारे में.
फूलेरा दूज 2022 राधाजी की पूजा विधि
1. आज प्रात:काल में स्नान करने के बाद पूजा घर को साफ करें. एक चौक बनाकर उस पर चौकी स्थापना करें. फिर पीला वस्त्र बिछाकर राधाजी और श्रीकृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें.
2. इसके बाद राधारानी और श्रीकृष्ण जी को पंचामृत स्नान कराएं. फिर दोनों को वस्त्र एवं श्रृंगार सामग्री अर्पित करें. फिर पीले एवं लाल फूल, अक्षत्, रोली, चंदन, कुमकुम, धूप, दीप, गंध आदि से पूजा करें. इस दौरान आप ओम ह्रीं श्रीराधिकायै नम: मंत्र का जाप कर सकते हैं.
3. इसके बाद आप राधाजी और श्रीकृष्ण का भजन गा सकते हैं. फिर पूजा के अंत में भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी की आरती करें.
4. राधाजी की पूजा में आप वन्दे वृन्दावनानन्दां राधिकां परमेश्वरीम्, गोपिकां परमां श्रेष्ठां ह्लादिनीं शक्तिरुपिणीम्। मंत्र का जाप कर सकते हैं.
राधाजी की आरती
आरती राधा जी की कीजै,
कृष्ण संग जो करे निवासा,
कृष्ण करें जिन पर विश्वासा,
आरति वृषभानु लली की कीजै
आरती राधा जी की कीजै…
कृष्ण चंद्र की करी सहाई,
मुंह में आनि रूप दिखाई,
उसी शक्ति की आरती कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
नन्द पुत्र से प्रीति बढाई,
जमुना तट पर रास रचाई,
आरती रास रचाई की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
प्रेम राह जिसने बतलाई,
निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई,
आरती श्री! जी की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
दुनिया की जो रक्षा करती,
भक्तजनों के दुख सब हरती,
आरती दु:ख हरणी जी की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
कृष्ण चन्द्र ने प्रेम बढ़ाया,
विपिन बीच में रास रचाया,
आरती कृष्ण प्रिया की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
दुनिया की जो जननि कहावे,
निज पुत्रों की धीर बंधावे,
आरती जगत मात की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
निज पुत्रों के काज संवारे,
आरती गायक के कष्ट निवारे,
आरती विश्वमात की कीजै,
आरती राधा जी की कीजै…
आप चाहें तो श्रीकृष्ण आरती भी कर सकते हैं. आरती के बाद दीपक को पूरे घर में घुमाएं. इससे नकारात्मकता दूर होती है.