रामनवमी के खास अवसर पर आज, जानिए देश के उन प्रसिद्ध मंदिरों को जहां अलग-अलग रूपों में की जाती है प्रभु श्रीराम की पूजा

प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है

Update: 2021-04-21 09:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी का त्योहार (Ram Navmi Festival) देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि कोरोना काल होने की वजह से मंदिरों में भीड़ लगाना मना है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप घर पर ही रहकर भगवान राम (Lord Ram) का ध्यान करें और उनकी पूजा करें. भले ही आप रामनवमी के दिन श्रीराम के मंदिर न जा पाएं लेकिन घर बैठे ही राम जी के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में पढ़ जरूर सकते हैं. अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhaya) के अलावा भी देशभर में कई राम मंदिर हैं जिनकी अपनी-अपनी अलग कहानी है.

1. राजा राम मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित है राजा राम मंदिर (Raja Ram Temple Orchha). यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां श्रीराम को भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है. यहां दिन में पांच बार पुलिस द्वारा गार्ड और ऑनर भी दिया जाता है और आपको जानकर हैरानी होगी कि राजा राम को गार्ड ऑफ ऑनर देने की ये परंपरा 400 साल पुरानी है. राजा राम मंदिर बेहद भव्य और आलिशान है और यह देखने में मंदिर नहीं बल्कि महल की तरह प्रतीत होता है.
2. रघुनाथ मंदिर, जम्मू
यह भी प्रभु श्रीराम के सबसे प्राचीन, अनोखे और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हुई है. रघुनाथ मंदिर (Raghunath Mandir) के चारों ओर सात अन्य मंदिर हैं जिनका सम्बन्ध रामायण काल के देवी-देवताओं से है.
3. त्रिपायर श्रीराम मंदिर, केरल
इस मंदिर में स्थापित मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि ये मूर्ति समुद्र में डूबी हुई थी जिसे केरल के एक मछुआरे ने यहां मंदिर में लाकर स्थापित कर दिया. इसके बाद वहां के उस समय के शासक ने उस मूर्ति को त्रिपायर मंदिर (Tripayar Shri Ram Mnadir) में स्थापित किया. ऐसी मान्यता है कि श्रीराम की इस मूर्ति में भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के तत्व हैं इसलिए इसकी पूजा त्रिमूर्ति के रूप में की जाती है.
4. सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर, तेलंगाना
यह मंदिर तेलंगाना के भद्राचलम में है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम जब सीता को बचाने के लिए निकले तब गोदावरी नदी को पार कर इसी स्थान पर रुके थे. सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर (Sita Ramchandra Swami Temple) गोदावरी नदी के किनारे ठीक उसी जगह पर बनाया गया है, जहां से राम ने नदी को पार किया था. इस मंदिर में भगवान राम की धनुष और बाण के साथ त्रिभंगा के रूप में मूर्ति स्थापित है.
5. कनक भवन मंदिर, अयोध्या
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के अलावा कनक भवन मंदिर (Kanak Bhawan Temple Ayodhaya) भी है. यह मंदिर श्रीराम के साथ ही देवी सीता को भी समर्पित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मंदिर भगवान राम की सौतेली मां, रानी कैकेयी ने देवी सीता को तब उपहार में दिया था, जब भगवान राम से विवाह होने के बाद वे अयोध्या पहुंची थीं. इस मंदिर में राम और सीता की मूर्तियों को सोने के आभूषण से सजाया जाता है और उन्हें सोने के सिंहासन पर रखा जाता है इसलिए इस मंदिर को कनक भवन कहा जाता है.


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