सनातन धर्म में श्री गणेश को प्रथम पूजनीय माना गया है। वही हफ्ते में एक दिन यानी बुधवार का दिन गणेश पूजा के लिए समर्पित होता है इसी तरह हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भी श्री गणेश की पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन गणपति की विधिवत पूजा आराधना करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते है।
अभी वैशाख मास चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली चतुर्थी को वैशाख विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान की विधिवत पूजा करते हैं मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है साथ ही विभिन्न कार्यों में सफलता मिलती है। कल यानी 23 अप्रैल दिन रविवार को वैशाख विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको श्री गणेश की पूजा विधि बता रहे है तो आइए जानते है।
पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि विनायक चतुर्थी के शुभ दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद घर के पूजन स्थल की साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। फिर विनायक चतुर्थी व्रत पूजन का संकल्प करें।अब विधिवत श्री गणेश की पूजा करें पूजन के समय भगवान को 21 दूर्वा अर्पित कर भोग में 21 लड्डू चढ़ाएं। व्रत कथा का पाठ करें अंत में श्री गणेश की प्रिय आरती पढ़ें और सभी में प्रसाद बांटें। अपनी प्रार्थना प्रभु से कहें। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से बल, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है।