अधिक मास का आखिरी रवि प्रदोष व्रत आज, करें ये उपाय

Update: 2023-08-13 06:44 GMT
देवों के देव महादेव को समर्पित प्रदोष व्रत आज यानि 13 अगस्त को है. ये सावन में अधिकमास का आखिरी प्रदोष व्रत हैं. आज रविवार भी है. रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है जिसमें भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करना काफी शुभ माना गया है. अधिकमास श्री हरि को समर्पित होता है और हर तीन साल में एक बार पड़ता है. ऐसे में इस दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
मान्यता है कि जो भी इस दिन सच्चे दिल से भगवान शिव की आराधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है. प्रदोष व्रत को भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम व्रतों में से एक माना गया है. इसमें शाम को भगवान शिव की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है.
प्रदोष व्रत का मुहूर्त
अधिकमास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त को सुबह 8 बजकर 19 में शुरू होकर 14 अगस्त, सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगी. इस दौरान शिव पूजा का मुहूर्त 13 अगस्त को शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
रवि प्रदोष व्रत को काफी फलदायी माना गया हैं. इस दिन कुछ उपाय करने मात्र से भोलेनाथ के साथ-साथ सूर्य देव की कृपा बरसेगी और करियर से लेकर आर्थिक स्थिति तक, हर चीज पर प्रभाव पड़ेगा. जानिए क्या हैं वो उपाय-
शिवलिंग का अभिषेक
रवि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का अभिषेक करते सम गेहूं का इस्तेमाल जरूर करें. इस दौरान जल में गेंहू मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें या अभिषेक के बाद एक मुट्ठी गेहूं भोलेनाथ को अर्पित करें. इस उपाय को करने से लोग दिन दुगनी, रात चौगुनी तरक्की करेंगे.
सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय करें ये उपाय
रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने को लेकर भी उपाय बताया गया है जिससे उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय में जल में लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ मिलाना चाहिए. ऐसा करने से हर क्षेत्र में यश और सफलता प्राप्त होती है.
धन संपत्ति में वृद्धि के लिए उपाय
धन संपत्ति में वृद्धि के लिए भी एक उपाय हैं. बेलपत्र के 21 पत्तों को अच्छे से धो लें. फिर इनपर चंदन से ओम नम: शिवाय लिखें और शिवलिंग पर चढ़ा दें. इसके बाद शिवलिंग से कुछ पत्तों को वापस लें और घर की तिजोरी या ऐसी जगह पर रख दें जहां आप धन रखते हैं. ये उपाय आप धतुरे के साथ भी कर सकते हैं.
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