आज है सूर्य की कन्या संक्रांति, जानें महापुण्य काल और उपाय
सूर्य की सिंह संक्रांति का समापन कल रात में हो गया है। इसके साथ ही सूर्य की कन्या संक्रांति का प्रारंभ आज 17 सितंबर दिन शुक्रवार से हो चुका है, जो पूरे एक माह के लिए होगा।
सूर्य की सिंह संक्रांति का समापन कल रात में हो गया है। इसके साथ ही सूर्य की कन्या संक्रांति का प्रारंभ आज 17 सितंबर दिन शुक्रवार से हो चुका है, जो पूरे एक माह के लिए होगा। इसके बाद सूर्य की तुला संक्रांति प्रारंभ होगी। सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में गोचर को संक्रांति कहा जाता है। पूरे एक वर्ष में सूर्य की 12 संक्रांतियां होती हैं। सूर्य बारी-बारी से 12 राशियों में गोचर करता है। इस बार सूर्य कन्या राशि में गोचर करने वाला है। सूर्य की संक्रांति का सभी राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि सूर्य की कन्या संक्रांति का समय क्या है? कन्या संक्रांति किन राशि वालों के लिए लाभदायक होगी?
सूर्य की कन्या संक्रांति 2021
सूर्य का कन्या राशि में गोचर का समय आज रात 12 बजे के बाद 17 सितंबर को 01 बजकर 29 पर होगा।
कन्या संक्रांति 2021 का पुण्य काल
कन्या संक्रांति का पुण्य काल 06 घंटे 08 मिनट का है। यह 17 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है।
कन्या संक्रांति 2021 महापुण्य काल
सूर्य की कन्या संक्रांति का महापुण्य काल 17 सिंतबर को प्रात: 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक है। महापुण्य काल की अवधि 02 घंटा 03 मिनट है।
कन्या संक्रांति 2021 उपाय
आप जानते हैं कि मकर संक्रांति के समय सुबह स्नान और दान का विधान है। ऐसे ही कन्या संक्रांति पर भी आपको सुबह स्नान करने के बाद ब्राह्मणों को दान देना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को लाल पुष्प, अक्षत् और लाल चंदन मिश्रित जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की आप पर कृपा होगी और आपका कर्म क्षेत्र प्रभावशाली होगा।
सूर्य का गोचर कन्या राशि में हो रहा है, ऐसे में कन्या राशि वालों को तरक्की का योग है। नई नौकरी पाने का प्रयास सफल हो सकता है। समाज में आपकी पद और प्रतिष्ठा दोनों ही बढ़ने के संकेत हैं। आपको जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि आपको अपने गुस्से और जुबान पर नियंत्रण रखना होगा। दांपत्य जीवन को प्रभावित होने से बचाएं।