आज है जानकी जयंती, जानें पूजा विधि और महत्व
हिंदी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की नवमी को जानकी जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार वर्ष 2022 में 24 फरवरी को जानकी जयंती है। इस दिन माता जानकी अर्थात माता सीता की पूजा-उपासना की जाती है।
हिंदी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की नवमी को जानकी जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार वर्ष 2022 में 24 फरवरी को जानकी जयंती है। इस दिन माता जानकी अर्थात माता सीता की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि माता सीता की पूजा करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है। वहीं, रोग, शोक और संताप से मुक्ति मिलती है। भारत के मिथिला क्षेत्रों में जानकी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। वहीं, नेपाल में भी जानकी जयंती के दिन उत्स्व जैसा माहौल रहता है। इस मौके पर देशभर में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। इनमें रामायण का नाट्य रूपांतरण किया जाता है। श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। आइए, पूजा विधि और महत्व जानते हैं-
महत्व
सनातन शास्त्रों में निहित है कि धन की देवी मां लक्ष्मी की स्वरूप माता सीता हैं। उनकी पूजा-अर्चना करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन मंदिरों एवं मठों को सजाया जाता है। भक्तगण प्रात:काल से मैया के दर्शन हेतु मंदिर आने लगते हैं। झाकियां भी निकाली जाती हैं। पूजा उपासना कर मैया का आह्वान किया जाता है।
पूजा विधि
इस दिन प्रात:काल उठकर सबसे पहले मर्यादा पुरूषोत्तम राम और माता सीता को प्रणाम करें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। फिर आमचन कर स्वंय को पवित्र करें। अब लाल रंग के कपड़े धारण करें। तंदोपरांत, पूजा गृह में चौकी पर भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर उनकी पूजा भक्तिभाव से करें। माता को श्रृंगार की चीजें अवश्य अर्पित करें। माता सीता की पूजा फल, पुष्प, धूप-दीप, दूर्वा आदि चीजों से करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख और समृद्धि की कामना करें। साधक अपनी इच्छानुसार दिनभर व्रत कर सकते हैं। संध्याकाल में आरती अर्चना के पश्चात फलाहार करें।