आज गणेश चतुर्थी है, गणेश जी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है

आज गणेश चतुर्थी है, गणेश जी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तो आइए हम आपको गणेश चतुर्थी की पूजा विधि एवं महत्व के बारे में बताते हैं।

Update: 2022-09-13 10:06 GMT
आज गणेश चतुर्थी है, गणेश जी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तो आइए हम आपको गणेश चतुर्थी की पूजा विधि एवं महत्व के बारे में बताते हैं।
भारतीय हिन्दू महीने में प्रत्येक चंद्र माह में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं। पूर्णिमासी या कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है और शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या के बाद एक विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। उपवास को सख्त माना जाता है और केवल फल, जड़ें जैसे आलू इत्यादि और वनस्पति उत्पादों का सेवन करना चाहिए। गणेश चतुर्थी को हिंदुओं में गणेश संकटहरा या संकटहरा चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 13 सितंबर 2022 को सुबह 10:37 बजे से होगी और इसका समापन बुधवार, 14 सितंबर 2022 को सुबह 10:23 बजे होगा। वहीं विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा।
शिवपुराण में एक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार माता पार्वती ने स्ननान करते समय अपनी मैल से एक पुत्र उत्पन्न कर द्वारपाल बना दिया। शिवजी जब लौट कर आए तो उस बालक ने प्रवेश करने से मना कर दिया। इस पर शिवगणों ने बालक के साथ संग्राम किया लेकिन कोई बालक से जीत नहीं सका। इस पर शंकर जी त्रिशूल से उस बालक का सिर काट दिया। शिव जी के इस बर्ताव पर माता पार्वती बहुत क्रुद्ध हुईं। इस पर नारद के साथ अन्य देवताओं ने जगदम्बा को स्तुति कर शांत किया। शिव जी के कहने पर विष्णु जी रास्ते में पड़ने वाले पहले जीव का सिर लेकर आए उस बालक धड़ पर स्थापित कर दिया। इस पर जगदम्बा अति प्रसन्न हुई और उसे सभी देवताओं में श्रेष्ठ होने का आर्शीवाद दिया। शिव जी ने कहा हे गिरिजानंदन तू सुख-समृद्धि का स्वामी होगा। भादो मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रोदय के बाद उदित होने के कारण समस्त संसार तेरी अराधना करेगी। गणेश जी की व्रत तथा पूजा से घर में सुखों का वास होगा।


न्यूज़ क्रेडिट :prabhasakshi
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