जन्माष्टमी के बाद आज है दही हांडी उत्सव, जानें इसके पीछे का महत्व
जन्माष्टमी का पर्व कल 30 अगस्त को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार आदि के बीच बाल गोपाल श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।
जन्माष्टमी का पर्व कल 30 अगस्त को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार आदि के बीच बाल गोपाल श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। जन्माष्टमी के अगले दिन यानी आज दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्माष्टमी और नवमी के दिन दही हांडी का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। दही हांडी का उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं से जुड़ा हुआ है। दही हांडी का उत्सव मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा में होता है, लेकिन अब देश के कई स्थानों पर भी इसका आयोजन होने लगा है। दही हांडी उत्सव को महाराष्ट्र में गोपालकाला के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण दही हांडी उत्सव सांकेतिक रूप में ही मनाया जाएगा, उसमें भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा। आइए जानते हैं कि दही हांडी उत्सव क्यों मनाते हैं?