आज सकट चौथ पर बन रहा विशेष संयोग

माघ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को समर्पित सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को संकष्टी चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है।

Update: 2022-01-21 01:54 GMT

माघ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को समर्पित सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को संकष्टी चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को धारण करने से संतान निरोगी, दीर्घायु और सुख-समृद्धि से परिपूर्ण होती है। सकट चौथ पर श्रीगणपति की उपासना से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

इस व्रत में माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए उपवास रखती हैं। मान्यता है कि सकट चौथ का व्रत रखने और भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करने से संतान के ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस बार सकट चौथ पर सौभाग्य योग बन रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य सफल होता है। ज्योतिषविद् के अनुसार सकट चौथ पर सौभाग्य योग दोपहर 3:06 बजे तक रहेगा और उसके बाद शोभन योग शुरू होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले अभिजीत मुहूर्त भी 21 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। सकट चौथ के दिन सुबह से दोपहर 3.06 बजे तक सौभाग्य योग है। इसके बाद शोभन योग शुरू होगा, जो 22 जनवरी को दोपहर तक है। संकष्टी चतुर्थी तिथि पर व्रत रखने के बाद चंद्रमा का दर्शन अवश्य करना चाहिए। पूजा के उपरांत चंद्रमा के दर्शन करते हुए जल अर्पित करें।


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