पितरों को खुश करने के लिए पितृपक्ष में करें ये उपाय

Update: 2023-07-21 13:24 GMT
हिंदू धर्म में वैसे तो हर दिन का महत्व होता हैं लेकिन पितृपक्ष को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि पितरों को समर्पित होता हैं इस दौरान लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार पितृपक्ष हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो जाता हैं। माना जाता है कि इस अवधि में पूर्वज स्वर्गलोक से मृत्युलोक पर अपने वंशजों के साथ समय बिताने के लिए आते हैं।
 इस दौरान अगर पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और स्नान दान किया जाए तो जीवन में सुख समृद्धि आती हैं साथ ही पितृपक्ष में नि कार्यों को करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती हैं और उनके आशीर्वाद से वंश वृद्धि, तरक्की और सुख बढ़ता हैं। लेकिन पितृपक्ष के दौरान अगर कुछ उपायों को भी किया जाए तो विशेष लाभ मिलता हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
 
पितृपक्ष में करें ये उपाय—
इस बार पितृपक्ष का आरंभ 29 सितंबर दिन शुक्रवार से हो रहा हैं तो वही समापन 14 अक्टूबर को हो जाएगा। ऐसे में पितृपक्ष के दिनों में अगर किसी ज्ञानी द्वारा श्राद्ध कर्म या पिंडदान करवाया जाए तो लाभ मिलता हैं इसके साथ ही पितृपक्ष की अवधि में जरूरतमंदों को अन्न, धन या वस्त्र का दान जरूर करें। माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता हैं।
 इसके अलावा पितृपक्ष में पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के अनुसार ही श्राद्ध कर्म या पिंडदान किया जाता हैं ऐसे में अगर आपको अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि याद नहीं हैं तो आप अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर उनका श्राद्ध कर्म और तर्पण कर सकते हैं। ऐसा करने से पितृदोष का निवारण होता हैं साथ ही पूर्ण फल की भी प्राप्ति होती हैं।
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