महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत का फल पाने के लिए ऐसे करें शिव पूजा

Update: 2024-03-07 12:06 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन शिव पूजा को समर्पित महाशिवरात्रि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर साल फाल्गुन मास में मनाई जाती है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है।
 पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है इस बार यह पर्व 8 मार्च को पड़ रहा है इस साल की महाशिवरात्रि बेहद ही खास होने वाली है क्योंकि इसी दिन फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत भी किया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शिव पूजन की विधि बता रहे हैं जो आपको दोनों व्रतों का पूर्ण फल प्रदान करेगी तो आइए जानते हैं।
 प्रदोष व्रत की पूजा विधि—
आपको बता दें कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। फिर घर के मंदिर में भगवान शिव के समक्ष धूप दीपक जलाएं इसके बाद भगवान को फल, पुष्प, मिठाई के साथ अन्य चीजों का भोग लगाएं। प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल यानी प्रदोष काल में की जाती है इस समय भगवान शिव की विशेष पूजा करें और उनकी आरती करके पूजा का समापन करें।
 महाशिवरात्रि शिव पूजा विधि—
आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की चार प्रहर में पूजा की जाती है इस दिन सुबह उठकर स्नान करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजन का संकल्प करें और शिव के समक्ष दीपक जलाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप करें। निशिता मुहूर्त में शिव की विशेष पूजा करें और उन्हें फल, मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
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