आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए करें गौमाता का उपाय

सनातन परंपरा के अनुसार गाय की पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है। प्राचीन काल से ही भारत में इसे गोधन मानकर पूजा की जाती रही है।

Update: 2022-03-19 03:21 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन परंपरा के अनुसार गाय की पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है। प्राचीन काल से ही भारत में इसे गोधन मानकर पूजा की जाती रही है। हिंदू धर्म से जुड़े शास्त्रों, पुराणों और वेदों में गाय की महिमा का गुणगान किया गया है। देवताओं में भगवान श्रीकृष्ण को गाय बहुत प्रिय थी। मान्यता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, यही कारण है कि लोग प्रतिदिन पहली रोटी गाय के लिए निकालते हैं। दरअसल सनातन धर्म के अनुसार गौमाता में देवी देवताओं का वास माना गया है। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। न केवल धर्म में बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी गौमाता को उच्च स्थान प्राप्त हैं। आइए जानते हैं गौमाता से जुड़े धार्मिक एवं ज्योतिषीय उपाय जो हमारे ज्योतिष ग्रंथों में मिलते हैं। इन उपायों को करने से ग्रहों से संबंधित अशुभ फल कम होते हैं।

जब आपके घर में सुबह भोजन बनें तो सबसे पहली रोटी गौमाता के नाम से निकाल दें, स्वयं भोजन करने से पूर्व गौमाता को भोजन कराएं।
ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों की शांति के लिए गाय की पूजा विशेष लाभदायी है। मान्यता है कि यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह के अशुभ फल प्राप्त हो रहे हों तो लाल रंग की गाय की सेवा करें और यदि संभव हो किसी गरीब ब्राह्मण को लाल रंग की गाय का दान करें।
यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह की अशुभ प्रभाव दे रहे हों तो आप उनकी शुभता पाने के लिए प्रतिदिन अथवा बुधवार के दिन गायों को हरा चारा खिलाएं।
यदि आपके ऊपर इस समय शनि महादशा या फिर ढैय्या अथवा साढ़ेसाती चल रही हो तो इससे मुक्ति पाने के लिए किसी ब्राह्मण को काले रंग की गाय दान करें।
यदि आपकी कुंडली में पितृदोष हो तो उसे दूर करने के लिए गाय को प्रतिदिन या अमावस्या के दिन रोटी, गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं।
यदि आपकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब चल रही हो तो आपको माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन गाय की सेवा करनी चाहिए।
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