सुख और समृद्धि पाने के लिए गणेश जयंती के दिन ऐसे करें गजानन की पूजा
4 फरवरी को गणेश जयंती है। हिंदी पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की तिथि 4 फरवरी को प्रात: काल 4 बजकर 38 मिनट पर शुरु होकर अगले दिन यानी 5 फरवरी को देर रात 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी।
4 फरवरी को गणेश जयंती है। हिंदी पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की तिथि 4 फरवरी को प्रात: काल 4 बजकर 38 मिनट पर शुरु होकर अगले दिन यानी 5 फरवरी को देर रात 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा-उपासना विधि पूर्वक की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ है। अत: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती मनाई जाती है।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। अगर आप भी बाप्पा की कृपा पाना चाहते हैं, चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा ऐसे करें-
धार्मिक मान्यता है कि महज अक्षत और दूर्वा से भी गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। इसके लिए पूजा में अक्षत यानी चावल और दूर्वा (घास) जरूर शामिल करें।-भगवान गणेश जी को पीला पुष्प और मोदक अति प्रिय है। अतः उन्हें पीले पुष्प और मोदक अवश्य भेंट करें।
भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए रोजाना दूर्वा अर्पित करें। एक चीज ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें। इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
इस दिन पूजा-पाठ के पश्चात गरीबों और असहाय लोगों की सहायता अवश्य करें। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं।
अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की निरंतर एकाग्रचित होकर पूजा करता है, तो उस साधक के जीवन में धैर्य का आगमन होता है। निम्न मंत्र का जाप करें।