ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन महेश नवमी को खास माना गया है जो कि हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता है। यह तिथि भगवान शिव की साधना आराधना को समर्पित होती है ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और उपवास भी रखा जाता है माहेश्वरी समाज के लिए यह तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।
माना जाता है कि इसी दिन माहेश्वरी समाज के वंश की उत्पत्ति हुई थी। यही कारण है कि इस दिन को अधिक विशेष माना जाता है महेश नवमी के दिन शिव मंदिरों में विशेष आयोजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महेश नवमी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से मनचाहा वर प्राप्त होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महेश नवमी की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
महेश नवमी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून को देर रात 12 बजकर 3 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि अगले दिन यानी की 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 15 जून को महेश नवमी का व्रत पूजन किया जाएगा। ज्योतिष अनुसार इसी दिन सूर्य भी राशि परिवर्तन करेंगे। इसके अगले दिन यानी 16 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महेश नवमी के शुभ दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करें साथ ही दिनभर का उपवास रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की असीम कृपा बरसती है और जीवन की परेशानियों और बाधाओं से राहत मिल जाती है।