धर्म अध्यात्म: भगवान गणेश का दूसरा नाम विनायक भी है। वो ही विघ्नहर्ता हैं और वो ही संकट हरते हैं। उनकी पूजा जो भी सच्चे मन से करता है उसे तो दुख जरा सा भी छू नहीं पाते हैं। बप्पा तो बहुत ही मोहक हैं। बच्चों के प्रिय गणेश भगवान की विशेष विनायक आरती करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत तो होता ही है, साथ ही उसे हर तरह के सुख नसीब होते हैं। विनायक जी की आरती गजबदन विनायक जी की आरती आरती गजबदन विनायक की सुर मुनि पूजित गणनायक की। टेक। एकदंत शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशन शुभगुण कानन, शिवसुत बंधमान-चतुरानन, दुख विनाशक सुखदायक की। सुर... ऋद्धि-सिद्धि स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धिदाता सुविमल मति, आद्य-वन दहन, अमल अविगत गति, विद्या-विनय, विभवदायक की। सुर... पिंगल नयन, विशाल शुंडधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश कर, लम्बोदर बाधा विपत्ति हर, सुर-वंदित सब विधिलायक की। सुर-वंदित सब विधिलायक की। विनायक जी की आरती कितने बजे होती है? विनायक जी की आरती सुबह या शाम हो सकती है। विनायक जी की आरती कितनी बार करनी चाहिए? विनायक जी की आरती दिन में एक या दो बार होनी चाहिए। विनायक जी की आरती करने के नियम विनायक जी की आरती करते वक्त आपका मन और तन दोनों स्वच्छ होना चाहिए। आप नहा-धोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर आरती करें। विनायक जी की पूजा कब और किस लिए करते हैं? जो यश, प्रेम और धन की इच्छा रखते है, वो विनायक जी की पूजा करते हैं।