ऐसा काम करने वालों को अगले जन्म में बनना पड़ता है महिला, गरुड़ पुराण में है जन्म-मरण का जिक्र

कुछ कर्म ऐसे हैं जिसे करने के बाद अगला जन्म महिला का मिलता है. आइए जानते हैं इस बारे में गरुड़ पुराण क्या कहती है

Update: 2022-03-06 16:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सभी 18 पुराणों में गरुड़ पुराण का एक अगल महत्व है. इसमें जन्म-मरण से लेकर अगले जन्म तक की बात बताई गई है. गुरुड़ पुराण के मुताबिक मृत्यु के बाद व्यक्ति को उसके कर्म के हिसाब से अगला जन्म मिलता है. कुछ कर्म ऐसे हैं जिसे करने के बाद अगला जन्म महिला का मिलता है. आइए जानते हैं इस बारे में गरुड़ पुराण क्या कहती है.

अगले जन्म में बनना पड़ता महिला
-गुरुड़ पुराण के मुताबिक, जब आत्मा को नया जन्म मिलता है तो वह जन्म महिला का हो या पुरुष का, आत्मा को उसी के अनुरूप कार्य करना होता है. शरीर के जरिए कर्म करके ही कोई आत्मा अपने जन्म के उद्देश्य को सार्थक या निर्रथक बना सकती है. अच्छे कर्मों के द्वारा आत्मा मुक्ति की ओर जा सकती है. वहीं बुरे कर्म से भविष्य में अपनी स्थिति को बेहतर कर सकती है.
-अगर कोई पुरुष महिलाओं वाला आचरण करता है या अपने स्वभाव में महिलाओं वाली आदतें ले आता है अथवा वही कार्य करना चाहता है जो एक महिला को करना चाहिए, तो ऐसे पुरुषों की आत्मा अगले जन्म में महिला का शरीर धारण करती है. इसी तरह यदि कोई व्यक्ति पशुओं वाला आचरण करता है और उन्हीं चीजों का सेवन करता है जो पशु करते हैं. तो ऐसे लोगों को भी अगला जन्म पशु का मिलता है.
-गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के समय मनुष्य जिस ओर आसक्त होता है, उसका अगला जन्म भी उसी पर निर्भर करता है. अगर कोई व्यक्ति अंतिम क्षणों में किसी स्त्री को याद करते हुए शरीर को त्यागता है तो उसका अगला जन्म महिला का होता है. वहीं अगर कोई मरते वक्त ईश्वर का नाम लेता है तो वो मुक्ति की ओर अग्रसर हो जाता है. इस तरह से मृत्यु का अंतिम क्षण अगले जन्म का निर्धारण करता है, इसलिए कहा जाता है कि अंतिम समय में परमेश्वर का नाम लेना चाहिए.


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